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वैश्विक बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil Price) का फायदा उठाने के लिए भारत अब अमेरिका में क्रुड ऑयल स्टोर करने के विकल्प पर विचार कर रहा है. भारत में मौजूद सभी लोकल स्टोरेज पूरी तरह से लबालब हैं. ऑयल मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने सोमवार को CNBC TV18 चैनल पर इस बारे में जानकारी दी.
ऑस्ट्रेलिया भी USA में क्रुड स्टोर करने पर विचार कर रहा
पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया ने भी ऐसा ही कदम उठाने के बारे में जानकारी दी थी. ऑस्ट्रेलिया भी सस्ते कच्चे तेल का लाभ लेने के लिए अमेरिका के रणनीतिक पेट्रोलियम रिज़र्व (USA Strategic Petroleum Reserve) में कच्चे तेल का भंडारण करना चाहता है.
इस साल अब तक 40 फीसदी लुढ़का कच्चे तेल का भाव
प्रधान ने कहा, 'हम संभावनाएं तलाश रहें है कि किसी दूसरे देश में अपने इन्वेस्टमेंट को स्टोर कर सकें...हम अमेरिका में ऐसी संभावनाएं देख रहें हैं जहां सस्ते कच्चे तेल का भंडारण किया जा सके.' 2020 में अब तक कच्चे तेल की कीमतों में 40 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है. हालांकि, पिछले कुछ सप्ताह में इसमें मामूली तेजी भी रही है.
ऑस्ट्रेलिया भी USA में क्रुड स्टोर करने पर विचार कर रहा
पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया ने भी ऐसा ही कदम उठाने के बारे में जानकारी दी थी. ऑस्ट्रेलिया भी सस्ते कच्चे तेल का लाभ लेने के लिए अमेरिका के रणनीतिक पेट्रोलियम रिज़र्व (USA Strategic Petroleum Reserve) में कच्चे तेल का भंडारण करना चाहता है.
इस साल अब तक 40 फीसदी लुढ़का कच्चे तेल का भाव
प्रधान ने कहा, 'हम संभावनाएं तलाश रहें है कि किसी दूसरे देश में अपने इन्वेस्टमेंट को स्टोर कर सकें...हम अमेरिका में ऐसी संभावनाएं देख रहें हैं जहां सस्ते कच्चे तेल का भंडारण किया जा सके.' 2020 में अब तक कच्चे तेल की कीमतों में 40 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है. हालांकि, पिछले कुछ सप्ताह में इसमें मामूली तेजी भी रही है.
फिलहाल भारत ने कितना तेल स्टोर किया है?
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का आयातक (3rd Largest Importer of Crude Oil) देश है. धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि भारत में 53.3 लाख टन रणनीतिक स्टोरेज (Strategic Crude Storage in India) हैं जोकि पूरी तरह से भरे हुए हैं. इसके अलावा शिप्स पर भी करीब 85 से 90 लाख टन तेल का भंडार है. इसका एक बड़ा हिस्सा खाड़ी देशों में है.
जरूरत का 80 फीसदी क्रुड आयात करता है भारत
रिफाइनिंग कंपनियों ने भी अपने कॉमर्शियल टैंक्स और पाइपलाइंस में रिफाइन्ड ईंधन (Refined Fuel in India) और तेल भर रखा है. प्रधान ने कहा कि भंडारण किया हुआ तेल व अन्य उत्पाद भारत की कुल जरूरत को 20 फीसदी है. भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है.
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का आयातक (3rd Largest Importer of Crude Oil) देश है. धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि भारत में 53.3 लाख टन रणनीतिक स्टोरेज (Strategic Crude Storage in India) हैं जोकि पूरी तरह से भरे हुए हैं. इसके अलावा शिप्स पर भी करीब 85 से 90 लाख टन तेल का भंडार है. इसका एक बड़ा हिस्सा खाड़ी देशों में है.
जरूरत का 80 फीसदी क्रुड आयात करता है भारत
रिफाइनिंग कंपनियों ने भी अपने कॉमर्शियल टैंक्स और पाइपलाइंस में रिफाइन्ड ईंधन (Refined Fuel in India) और तेल भर रखा है. प्रधान ने कहा कि भंडारण किया हुआ तेल व अन्य उत्पाद भारत की कुल जरूरत को 20 फीसदी है. भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है.
नया रिज़र्व बनाने की तैयारी
भारत 65 लाख टन क्षमता वाले नई रणनीतिक भंडारण व्यवस्था बनाने का प्लान कर रहा है. प्रधान ने कहा कि हम चाहते हैं कि सुविधा को तैयार करने के लिए वैश्विक निवेशक भी इसमें हिस्सा लें.
कम दाम से उत्पादकों को नुकसान
बातचीत के दौरान प्रधान ने यह भी कहा कि तेल और गैस के कम दाम की वजह उत्पादकों को नुकसान हो रहा है. तेल और गैस के घरेलू उत्पादन में सेस और रॉयल्टी को बाजार से लिंक करना होगा. साथ ही, प्रोडक्शन कॉस्ट पर अधिक टैक्स को लेकर भी एक चिंता है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने वित्त मंत्रालय बात की है.
भारत 65 लाख टन क्षमता वाले नई रणनीतिक भंडारण व्यवस्था बनाने का प्लान कर रहा है. प्रधान ने कहा कि हम चाहते हैं कि सुविधा को तैयार करने के लिए वैश्विक निवेशक भी इसमें हिस्सा लें.
कम दाम से उत्पादकों को नुकसान
बातचीत के दौरान प्रधान ने यह भी कहा कि तेल और गैस के कम दाम की वजह उत्पादकों को नुकसान हो रहा है. तेल और गैस के घरेलू उत्पादन में सेस और रॉयल्टी को बाजार से लिंक करना होगा. साथ ही, प्रोडक्शन कॉस्ट पर अधिक टैक्स को लेकर भी एक चिंता है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने वित्त मंत्रालय बात की है.

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