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स्मार्टफोन्स में कई तरह के हैकिंग अटैक्स होने और उन्हें नुकसान पहुंचाने के मामले सामने आते रहे हैं लेकिन एक खास तरह का अटैक फास्ट चार्जर्स पर भी किया जा सकता है। चाइनीज सिक्यॉरिटी रिसर्चर्स ने कहा है कि फास्ट चार्जर्स के फर्मवेयर से छेड़छाड़ करने के बाद कनेक्टेड डिवाइस के सिस्टम को नुकसान पहुंचाया जा सकता है। चार्जर से लगे फोन के कंपोनेंट्स पिघलने से लेकर उसमें आग तक लग सकती है।
सामने आई अटैक टेक्निक का नाम BadPower रखा गया है और इसके बारे में पिछले सप्ताह Xuanwu Lab की रिपोर्ट में जानकारी मिली है। यह लैब चाइनीज टेक कंपनी Tencent की रिसर्च यूनिट है। रिसर्चर्स की मानें तो BadPower अटैक फास्ट चार्जर के फर्मवेयर को करप्ट कर देता है। बता दें, फास्ट चार्जर की मदद से चार्जिंग टाइम काफी कम किया जा सकता है और फोन जल्दी चार्ज हो जाते हैं।
ऐसे काम करते हैं चार्जर
फास्ट चार्जर दिखने में बेशक सामान्य चार्जर जैसे ही हों लेकिन स्पेशल फर्मवेयर पर काम करते हैं। यह फर्मवेयर कनेक्टेड डिवाइस को समझता है और उसी हिसाब से चार्जिंग स्पीड तय होती है। अगर फास्ट चार्जिंग फीचर फोन में सपोर्टेड नहीं है तो चार्जर स्टैंडर्ड 5V ही डिलीवर करता है लेकिन अगर डिवाइस बड़े चार्जिंग इनपुट्स हैंडल कर सकता है, तो फास्ट चार्जर 12V, 20V और इससे ज्यादा फास्ट चार्जिंग के लिए भेज सकता है।
यह है अटैक का तरीका
BadPower टेक्निक से मौजूदा चार्जर के डिफॉल्ट चार्जिंग पैरामीटर्स में बदलाव कर दिया जाता है। इसका मतलब है कि चार्जर जरूरत से ज्यादा पावर भेजने लगता है और इसका मतलब है कि डिवाइस पिघल सकता है, उसमें आग लग सकती है और ब्लास्ट भी हो सकता है। ऐसे अटैक का पता नहीं लगाया जा सकता और यह बेहद खतरनाक है। रिसर्चर्स ने जांच में पाया कि 35 पॉप्युलर चार्जर्स में से 18 में अटैक किया जा सकता है।
सामने आई अटैक टेक्निक का नाम BadPower रखा गया है और इसके बारे में पिछले सप्ताह Xuanwu Lab की रिपोर्ट में जानकारी मिली है। यह लैब चाइनीज टेक कंपनी Tencent की रिसर्च यूनिट है। रिसर्चर्स की मानें तो BadPower अटैक फास्ट चार्जर के फर्मवेयर को करप्ट कर देता है। बता दें, फास्ट चार्जर की मदद से चार्जिंग टाइम काफी कम किया जा सकता है और फोन जल्दी चार्ज हो जाते हैं।
ऐसे काम करते हैं चार्जर
फास्ट चार्जर दिखने में बेशक सामान्य चार्जर जैसे ही हों लेकिन स्पेशल फर्मवेयर पर काम करते हैं। यह फर्मवेयर कनेक्टेड डिवाइस को समझता है और उसी हिसाब से चार्जिंग स्पीड तय होती है। अगर फास्ट चार्जिंग फीचर फोन में सपोर्टेड नहीं है तो चार्जर स्टैंडर्ड 5V ही डिलीवर करता है लेकिन अगर डिवाइस बड़े चार्जिंग इनपुट्स हैंडल कर सकता है, तो फास्ट चार्जर 12V, 20V और इससे ज्यादा फास्ट चार्जिंग के लिए भेज सकता है।
यह है अटैक का तरीका
BadPower टेक्निक से मौजूदा चार्जर के डिफॉल्ट चार्जिंग पैरामीटर्स में बदलाव कर दिया जाता है। इसका मतलब है कि चार्जर जरूरत से ज्यादा पावर भेजने लगता है और इसका मतलब है कि डिवाइस पिघल सकता है, उसमें आग लग सकती है और ब्लास्ट भी हो सकता है। ऐसे अटैक का पता नहीं लगाया जा सकता और यह बेहद खतरनाक है। रिसर्चर्स ने जांच में पाया कि 35 पॉप्युलर चार्जर्स में से 18 में अटैक किया जा सकता है।

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