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TRAI (टेलिकॉम रेग्यूलेटरी ऑथिरिटी ऑफ इंडिया) ने ब्रॉडकास्टर्स को हर हाल में NTA 2.0 को 10 अगस्त तक लागू करने का निर्देश दिया है। आपको बता दें कि बीते जनवरी में ही टेलिकॉम ऑथिरिटी ने टेलिकॉम ऑपरेटर्स को नए NTA 2.0 (नेशनल टैरिफ ऑर्डर) को रोल आउट करने का आदेश दिया था। जिसके बाद Airtel, Tata Sky, Dish TV समेत सभी डीटीएच सर्विस प्रोवाइडर्स ने नए टैरिफ ऑर्डर के तहत यूजर्स को चैनल ऑफर करने का फैसला किया था। अब बात ब्रॉडकस्टर्स पर अटकी है जहां नए टैरिफ ऑर्डर के तहत चैनल सर्विस प्रोवाइडर्स को अपने बुके पैक की दरें नए टैरिफ ऑर्डर के तहत जारी करनी हैं।
बीते शुक्रवार को टेलिकॉम रेग्यूलेटर ने सभी ब्रॉडकास्टर्स को यह निर्देश दिया है कि वो नई टैरिफ ऑर्डर के तहत यूजर्स को अपने चैनल्स ऑफर करें और NTA 2.0 के सभी प्रावधानों को 10 अगस्त तक लागू कर दें। नए टैरिफ ऑर्डर के तहत ब्रॉडकास्टर्स को अपने चैनल्स के मैक्सिमम मंथली दरें, बुके और इंटरकनेक्टेड ऑफर्स को पब्लिश करने का निर्देश दिया है, ताकि यूजर्स को चैनल्स सब्सक्राइब करने में आसानी हो सके। ट्राई ने सभी ब्रॉडकास्टर्स को आदेश दिया है कि वो अपने चैनल्स की मैक्सिमम दरें, इंटरकनेक्टेड पैक्स या ऑफर्स और बुके के बारे में ये जानकारियां अपने वेबसाइट या पब्लिक डोमेन में पब्लिश करें।
नियामक ने 1 जनवरी 2020 को डीटीएच, केबल ऑपरेटर्स और के लिए NTA 2.0 जारी किया था। TRAI ने ब्रॉडकास्टर्स पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ब्रॉडकास्टर्स NTA 1.0 के तहत आने वाले सस्ते बुके को 1 अगस्त से बिना नियामक को बताए हुए डिसकन्टिन्यू कर रहे हैं और मंहगे बुके पब्लिश कर रहे हैं। साथ ही, नियामक ने ये भी कहा कि यह NTA 1.0 के नियमों के विरूद्ध है।
नियामक ने यह भी दावा किया है कि कुछ डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर्स (DPOs) ने इसके बारे में नियामक से शिकायत भी की है कि ब्रॉडकास्टर्स NTA 2.0 के मुताबिक RIO (रेफरेंस इन्टरकनेक्टेड ऑफर्स) जारी नहीं कर रहे हैं। जिसकी वजह से कई DPO नए एग्रीमेंट्स के लिए ब्रॉडकास्टर्स के साथ राजी नहीं हो रहे हैं। ये इंडस्ट्री के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है। जबकि, कुछ ब्रॉडकास्टर्स अपने पुराने एग्रीमेंट्स को DPO के साथ एक्टेंड कर रहे हैं।
ब्रॉडकास्टर्स के इस रवैये की वजह से NTA 2.0 पूरी तरह से लागू नहीं हो पा रहा है। यह इस सेक्टर में ब्रॉडकास्टर्स, DPO और यूजर्स के बीच होने वाली पारदर्शिता को प्रभावित कर रही है। TRAI ने पिछले साल NTA 1.0 लागू किया था ताकि यूजर्स और ब्रॉडकास्टर्स के साथ-साथ केबल ऑपरेटर्स और सर्विस प्रोवाइडर्स के बीच एक पारदर्शिता बनी रहे। नियामक ने जनवरी 2020 में NTA 2.0 को भी इसी के तहत लागू किया है, ताकि यूजर्स को चैनल्स के लिए ज्यादा पैसे न चुकाने पड़े और ब्रॉडकास्टर्स और सर्विस प्रोवाइडर्स के बीच में भी पारदर्शिता बनी रहे।
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