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फेसबुक और गूगल जैसी दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनियों ने भारत में उभर रहे अवसरों को भुनाने के लिए मुकेश अंबानी की जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश किया है। ये कंपनियां भागीदारी का लाभ उठाकर देश में तेजी से उभर रहे कारोबारी अवसरों को भुनाने वाली हैं और यहां से प्राप्त अनुभवों को अन्य बाजारों में ले जाने वाली हैं।
दोनों अमेरिकी कंपनियों ने अपने-अपने निवेशकों के साथ हुई बातचीत में भारतीय बाजार के महत्व को रेखांकित किया है। भारत इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के सबसे बड़े वैश्विक बाजारों में से एक है। फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग ने जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी कंपनी भारत में अवसरों को लेकर उत्साहित है। उन्होंने कहा कि यह भागीदारी भारत में हजारों किराना दुकानों और छोटे व्यवसायों को व्हाट्सएप पर लाने तथा कारोबार करने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा, 'एक बार जब हम जियो के साथ भारत में इसे सिद्ध कर देंगे, हमारी योजना भारत में तथा अन्य देशों में और भागीदारों को साथ जोड़ने की है, लेकिन इस बात में कोई संदेह नहीं है कि भारत एक बड़ा अवसर है।' जुकरबर्ग ने कहा कि भारत कंपनी के लिए तेज वृद्धि वाले व्यावसायिक अवसरों में से एक होगा। उन्होंने कहा कि काफी सारे लोग विशेषकर भारत में व्हाट्सएप का प्रयोग करते हैं। उन्होंने कहा, 'भारत में छोटे व्यवसायों तथा व्यक्तिगत लोगों को व्हाट्सएप के जरिये खरीद-बिक्री में सक्षम बनाने के अपार अवसर हैं। हम उन्हें सक्षम बनाना चाहते हैं और इसकी शुरुआत भुगतान को सक्षम बनाने से होती है।' ये भी पढ़ें: 2जी मुक्त भारत बनाने का आ गया है वक्त, सरकार जल्द उठाए कदम: मुकेश अंबानी
गौरतलब है कि फेसबुक ने अप्रैल में जियो प्लेटफॉर्म्स में 9.9 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले 5.7 अरब डॉलर यानी 43,574 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की थी। जियो प्लेटफॉर्म्स तब से कई शीर्ष निवेशकों से पैसे जुटा चुकी है। गूगल ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि वह जियो प्लेटफॉर्म्स में 7.7 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले 33,737 करोड़ रुपये निवेश करेगी। इसे मिलाकर जियो प्लेटफॉर्म्स अप्रैल से अब तक 1.52 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश जुटा चुकी है।
गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के निवेशकों से बात करते हुए इसके प्रमुख सुंदर पिचाई ने कहा कि उनकी कंपनी ने भारतीय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की मदद के लिए ‘गूगल फॉर इंडिया’डिजिटल कोष की घोषणा की है। इस प्रयास के माध्यम से, गूगल अगले पांच से सात वर्षों में लगभग 10 अरब डॉलर का निवेश करेगी।
पिचाई ने कहा, 'हम स्थानीय भाषाओं में जानकारियों को उपलब्ध कराने में मदद करेंगे और स्वास्थ्य, शिक्षा व कृषि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी तथा कृत्रिम मेधा का प्रयोग करेंगे। जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश इस कोष के तहत पहली साझेदारी है और यह भारत में लाखों उपयोगकर्ताओं को स्मार्टफोन मुहैया करायेगी।'

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