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कोरोना संकट के बीच बीते कुछ महीनों के दौरान दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद जैसे कई बड़े शहरों में साइबर फ्रॉड संबंधी मामलों में बढ़ोतरी हुई है. इन घटनाओं के मद्देनजर देश के सभी बैंक और सरकारी एजेंसियां भी लगातार सतर्क रहने की सलाह दे रही हैं. आपको बता दें कि ऑनलाइन गैम्बलिंग कलर प्रिडिक्शन के जरिए होती है. कलर प्रिडिक्शन गेम एक ऐसा एप्लीकेशन है, जिसमें एक कलर पर पैसा लगाया जाता है. फिर एक कलर या कलर कॉम्बिनेशन की भविष्यवाणी की जाती है. अगर आपका प्रिडिक्शन सही है, तो आप पैसे जीत जाते हैं.
कुछ ऐसे होता ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड -हैदराबाद पुलिस ने एक ऑनलाइन गेमिंग वेबसाइट के जरिए लोगों से हो रही है करोड़ों रुपये के फ्रॉड का खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक, ऑनलाइन गेमिंग का आयोजन टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए किया जाता है. इन ग्रुप्स में सिर्फ रेफरेंस के आधार पर एंट्री मिलती थी. ग्रुप्स से जुड़े लोगों को नए मेंबर बनाने पर कमीशन दिया जाता था. इसमें टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था. टेलीग्राम ग्रुप में सिर्फ रेफरेंस से ही एंट्री मिल सकती है.
टेलीग्राम पर मौजूद इन ग्रुप्स में एडमिन उन वेबसाइट्स के बारे में बताते थे जहां पर दांव लगाए जाते थे, ये वेबसाइट्स रोज बदल दी जाती थीं, जिससे पकड़े जाने की गुंजाइश बेहद कम हो जाए. इसके बाद एक रंग के जरिए दांव लगाने वाला गेम खिलाया जाता था, इसमें खिलाड़ियों को रंग पहचानने की भविष्यवाणी करनी होती थी.
अगर आपने जो रंग बोला, वही रंग गेम में निकल आता तो आप जीत जाते, ऐसा करके करोड़ रुपये इन्होंने अब तक बना लिए थे. जांच में दो खातों का भी पता चला है जिनमें करीब 11 सौ करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है, और ये सारा लेनदेन इस साल का ही है.
ये सब गेमिंग वेबसाइट्स चाइना बेस्ड है, और जो इसका पूरा डेटा है, वो क्लाउड बेस्ड डेटा मैनेजमेंट है, पूरा ऑपरेशन चीन से ही ऑपरेट होता है.
कुछ ऐसे होता ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड -हैदराबाद पुलिस ने एक ऑनलाइन गेमिंग वेबसाइट के जरिए लोगों से हो रही है करोड़ों रुपये के फ्रॉड का खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक, ऑनलाइन गेमिंग का आयोजन टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए किया जाता है. इन ग्रुप्स में सिर्फ रेफरेंस के आधार पर एंट्री मिलती थी. ग्रुप्स से जुड़े लोगों को नए मेंबर बनाने पर कमीशन दिया जाता था. इसमें टेलीग्राम का इस्तेमाल होता था. टेलीग्राम ग्रुप में सिर्फ रेफरेंस से ही एंट्री मिल सकती है.
टेलीग्राम पर मौजूद इन ग्रुप्स में एडमिन उन वेबसाइट्स के बारे में बताते थे जहां पर दांव लगाए जाते थे, ये वेबसाइट्स रोज बदल दी जाती थीं, जिससे पकड़े जाने की गुंजाइश बेहद कम हो जाए. इसके बाद एक रंग के जरिए दांव लगाने वाला गेम खिलाया जाता था, इसमें खिलाड़ियों को रंग पहचानने की भविष्यवाणी करनी होती थी.
अगर आपने जो रंग बोला, वही रंग गेम में निकल आता तो आप जीत जाते, ऐसा करके करोड़ रुपये इन्होंने अब तक बना लिए थे. जांच में दो खातों का भी पता चला है जिनमें करीब 11 सौ करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है, और ये सारा लेनदेन इस साल का ही है.
ये सब गेमिंग वेबसाइट्स चाइना बेस्ड है, और जो इसका पूरा डेटा है, वो क्लाउड बेस्ड डेटा मैनेजमेंट है, पूरा ऑपरेशन चीन से ही ऑपरेट होता है.
कैसे हुआ खुलासा- हैदराबाद पुलिस से दो लोगों ने शिकायत की थी कि उन्हें ऑनलाइन गेमिंग वेबसाइट द्वारा लूटा गया है, शिकायत के मुताबिक ऑनलाइन वेबसाइट पर इनसे दांव लगवाया गया. फिर एक से 97 हजार और दूसरे से 1 लाख 64 हजार रुपये धोखे से ले लिए गए. दोनों की शिकायत के आधार पर हैदराबाद पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने जांच शुरू की, जांच के दौरान पता चला कि ऑनलाइन गेमिंग का आयोजन टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए किया जाता है.

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